भारत ने बताया- कैसे बदले संबंध
मंगलवार को विदेश मंत्रालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत ने दोनों देशों के बीच संबंधों को बहाल करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा, “हमेशा ऐसी घटनाएं होंगी जो संबंधों को प्रभावित करेंगी या उनमें दखल देने की कोशिश करेंगी। लेकिन मुझे लगता है कि यह इस बात का प्रमाण है कि इस रिश्ते पर कितना ध्यान दिया गया है, जिसमें उच्चतम स्तर पर भी ध्यान दिया गया है।”उन्होंने आगे कहा, “हम इस पर काम करते रहे हैं और मुझे लगता है कि इसके परिणाम आपके सामने हैं। मुझे लगता है कि हम मालदीव में अपने सहयोगियों के साथ भी इस बारे में स्पष्टता और आश्वासन देने के लिए बहुत करीबी चर्चा कर रहे हैं कि हम द्विपक्षीय रूप से क्या करना चाहते हैं, और मुझे लगता है कि इसका परिणाम सभी के सामने है।”
मालदीव को 50 मिलियन डॉलर का कर्ज दे चुका है भारत
उन्होंने कहा कि भारत मालदीव को और वित्तीय सहायता प्रदान करने के तरीकों पर विचार करेगा। भारत पहले ही 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण जारी कर चुका है और 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 30 बिलियन एमवीआर की मुद्रा अदला-बदली की व्यवस्था कर चुका है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे और ‘व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लेंगे।
मालदीव को कर्ज की सख्त जरूरत
मालदीव इस वक्त आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ऐसे में मालदीव में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पैसों के अभाव में अटकी पड़ी हैं। मालदीव को चीन से भी मदद नहीं मिल रही है। ऐसे में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारत दिखाई दे रहा है। मुइज्जू के नेतृत्व वाली सरकार अगले साल होने वाले स्थानीय परिषद चुनावों से पहले प्रमुख परियोजनाओं के लिए भारत से लगभग 7 अरब यूरो (MVR) उधार लेने की कोशिश कर रही है। मालदीव के न्यूज पोर्टल अधाधु की रिपोर्ट के अनुसार, मुइज्जू सरकार वर्तमान में भारत सरकार से वित्तीय सहायता लेने के लिए बातचीत कर रही है।