ब्रिटिश संसद में हुई भारत-पाकिस्तान पर बहस
ब्रिटिश संसद के उच्च सदन की ‘ग्रैंड कमेटी’ में गुरुवार को ‘भारत और पाकिस्तान: शांति प्रतिनिधित्व’ विषय पर एक संक्षिप्त बहस के दौरान, विभिन्न दलों के सदस्यों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद क्षेत्र में ”स्थायी शांति” की संभावनाओं पर चर्चा की। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। ब्रिटिश संसद में पाकिस्तानी मूल के कुछ सांसदों ने इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की मांग की जबकि भारतीय मूल के सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राज्य प्रायोजित आतंकवाद के मजबूत सबूतों के बारे में दिए गए बयान को रेखांकित किया।
ब्रिटिश मंत्री ने कश्मीर पर साफ किया सरकार का रुख
चैपमैन ने ब्रिटिश सरकार का रुख प्रस्तुत करते हुए कहा, ”कश्मीर के मामले में ब्रिटेन का रुख अपरिवर्तित है। हम कश्मीर की स्थिति को एक द्विपक्षीय मुद्दा मानते हैं जिसे भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीरी लोगों की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए सुलझाया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ”हम समाधान नहीं सुझाते, न ही हम मध्यस्थता चाहते हैं। हालांकि, हम दोनों पक्षों को सार्थक बातचीत में शामिल होने एवं तनाव को और बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचने के लिए प्रोत्साहित करते रहेंगे।”
ब्रिटेन बोला- हम बातचीत को प्रोत्साहित करेंगे
उन्होंने कहा, “हम इस मुद्दे से जुड़ी संवेदनशीलताओं से पूरी तरह वाकिफ हैं और हमारा लक्ष्य एक शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान का समर्थन करना है जो सभी समुदायों के अधिकारों और आकांक्षाओं का सम्मान करता हो।” मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन बातचीत को प्रोत्साहित करने, सहयोग को बढ़ावा देने और संघर्ष के मूल कारणों को दूर करने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए कूटनीति का उपयोग करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, ”हमारा मानना है कि इस क्षेत्र का शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य संभव है।”
भारतीय मूल के सांसदों ने क्या कहा?
भारत सर्वदलीय संसदीय समूह (एपीपीजी) के सह-अध्यक्ष लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने क्षेत्र में शांति की खातिर भारत की प्रतिबद्धता स्थापित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भारतीय सांसदों के बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की हाल की ब्रिटेन यात्रा की सराहना की। बिलिमोरिया ने कहा, ”भारत अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है। वह अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना चाहता है, अपने लोगों की आजीविका को बेहतर बनाना चाहता है और वैश्विक समुदाय में एक बड़ा, सकारात्मक योगदान देना चाहता है।” संदीप वर्मा ने जोर देकर कहा कि ”अंतिम लक्ष्य” यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि क्षेत्र में शांति हो, क्योंकि किसी भी संघर्ष का प्रभाव ब्रिटेन में प्रवासी समुदायों पर भी पड़ता है।