दिल्ली की पूरी पत्रकार बिरादरी हिल गई
सौम्या पत्रकार थीं। इस वजह से दिल्ली की पूरी पत्रकार बिरादरी हिल गई। मामला काफी दिनों तक सुर्खियों में बना रहा। पुलिस पर दबाव खुलासे का दबाव था, लेकिन दिल्ली पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल रहा था जिससे वे ये इस मामले में दोषियों को पकड़ पाएं। इस मामले में तब नया मोड़ आया जब छह महीने बाद आईटी सेक्टर में काम करने वाली वसंत कुंज की एक और लड़की जिगिषा घोष की लूटपाट के चलते हत्या कर दी गई। जिगिषा की हत्या भी उन्हीं लड़कों ने की थी जिन्होंने सौम्या की जान ली थी। जिगिषा मामले में पूछताछ के दौरान एक आरोपी ने यह बताया कि छह महीने पहले उन्होंने एक और लड़की को मारा था।
जितिशा घोष हत्याकांड का सौम्या केस कनेक्शन
असल में, दिल्ली पुलिस IT प्रोफेशनल जिगिशा घोष की हत्या का मामला सुलझाने में ज्यादा समय नहीं लगा। पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए कई चीजों का इस्तेमाल किया था। इसमें एक हाथ पर बना टैटू, एक पुलिसवाले से चोरी हुआ वायरलेस सेट और CCTV फुटेज शामिल थे। इन्हीं चीजों की मदद से पुलिस टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के हत्यारों तक भी पहुंची। रवि कपूर, अमित शुक्ला और बलजीत मलिक को 2009 में जिगिशा घोष की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्होंने 2008 में सौम्या विश्वनाथन की हत्या में भी अपनी भूमिका स्वीकार कर ली।
अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई
दिल्ली की एक अदालत ने चार लोगों को दोषी ठहराया। इन लोगों के नाम रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार हैं। इन सभी को विश्वनाथन की हत्या के लिए संगठित अपराध सिंडिकेट का सदस्य माना गया। अदालत ने अजय सेठी को भी दोषी पाया। अजय सेठी पर चोरी की संपत्ति रखने और संगठित अपराध में मदद करने का आरोप था। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों के कबूलनामे के बाद अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया। इन सभी पांचों पर 30 सितंबर 2009 की सुबह सौम्या विश्वनाथन की हत्या का आरोप लगाया गया। सौम्या उस समय ऑफिस से घर लौट रही थीं। जिगिशा घोष को 18 मार्च 2009 को लूटा गया और उनकी हत्या कर दी गई।
फरीदाबाद के सूरज कुंड इलाके में मिली थी जिगिषा की लाश
जिगिशा की हत्या का मामला उनकी लाश फरीदाबाद के सूरज कुंड इलाके से मिलने के दो-तीन दिन बाद ही सुलझ गया था। पहली अहम जानकारी CCTV फुटेज से मिली। फुटेज में दिख रहा था कि एक आरोपी के हाथ पर टैटू है और वह जिगिशा के डेबिट कार्ड से शॉपिंग कर रहा है। एक अन्य आरोपी वायरलेस सेट लिए हुए था और उसने टोपी पहन रखी थी।
लड़की को अगवा किया, लूटपाट करने के बाद हत्या कर दी
आरोपियों ने जिगिषा को वसंत विहार में उसके घर के पास से अगवा किया था। बाद में लूटपाट करने के बाद उसकी हत्या कर दी और लाश को फेंक दिया। उन्होंने उसके डेबिट कार्ड से शॉपिंग भी की। पुलिस को थोड़ा आश्चर्य हुआ जब रवि कपूर ने खुद बताया कि उन्होंने एक और लड़की की हत्या नेल्सन मंडेला मार्ग पर की थी, जो वसंत विहार से ज्यादा दूर नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि दो अन्य सहयोगी – अजय कुमार और अजय सेठी – भी उस हत्या में शामिल थे।तत्कालीन पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) एचजीएस धालीवाल ने तुरंत अधिकारियों की एक और टीम बनाई और तत्कालीन ACP भीष्म सिंह को दोनों हत्या मामलों की जांच करने के लिए नियुक्त किया। सौम्या की हत्या के मामले में पुलिस के पास सिर्फ आरोपियों का कबूलनामा था। इसलिए उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती फोरेंसिक सबूत इकट्ठा करना था। विश्वनाथन की हत्या की रात कपूर मारुति वैगन आर कार चला रहा था और शुक्ला उसके बगल में बैठा था। मलिक और कुमार पीछे की सीट पर बैठे थे। सभी नशे में थे।
अभी इस मामले में क्या चल रहा है?
साकेत कोर्ट ने 25 नवंबर 2023 को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं, अजय सेठी को ₹7.25 लाख समेत तीन साल की सजा दी गई। फरवरी 2024 में हाई कोर्ट ने तर्क दिया कि चारों अभियुक्त पहले से ही लगभग 14 वर्ष जेल में गुज़ार चुके हैं, और उनके अपील की सुनवाई तक सजा को निलंबित कर उन्हें जमानत दे दी। दिल्ली पुलिस की विशेष उच्च न्यायालय (SLP) याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई 2024 को चारों दोषियों को नोटिस जारी किया है, जिसमें हाई कोर्ट की जमानत आदेश को चुनौती दी गई है। इस मामले में फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई का इंतज़ार किया जा रहा है। पुलिस की याचिका में यह मांग है कि दोषियों की जमानत को रद्द किया जाए और वो जेल वापस भेजे जाएं, जब तक अपीलों पर अंतिम निर्णय नहीं आता।