Monday, July 21, 2025
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कैराना MP इकरा हसन को ‘गेट आउट’ कहने वाले ADM संतोष बहादुर सिंह कौन हैं? शुरू हुई जांच

कैराना MP इकरा हसन को 'गेट आउट' कहने वाले ADM संतोष बहादुर सिंह कौन हैं? शुरू हुई जांच

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक प्रशासनिक विवाद ने सियासी रंग ले लिया है। दरअसल, इन दिनों जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों और अधिकारियों के अधिकारियों से विवाद का मामला प्रदेश में खासा गरमाया हुआ है। इस बीच कैराना की सांसद इकरा हसन और एडीएम संतोष बहादुर सिंह के बीच विवाद गहरा गया है। इकरा हसन ने एडीएम पर ‘गेट आउट’ कहकर अपमानित करने और असम्मानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इस मामले की शिकायत सांसद ने प्रमुख सचिव और मंडलायुक्त से की है, जिस पर जिलाधिकारी को जांच के आदेश दे दिए गए हैं। डीएम पूरे मामले की जांच कर कमिश्नर को रिपोर्ट देंगे। हालांकि, इस मुद्दे पर अब राजनीति भी खूब गरमा गई है।

कौन हैं संतोष बहादुर सिंह?

एडीएम संतोष बहादुर सिंह 2011 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं। उनका जन्म 24 जुलाई 1974 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था। वह लंबे समय से विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्यरत हैं। वर्तमान में सहारनपुर में एडीएम वित्त के पद पर तैनात हैं। पीसीएस अधिकारी संतोष बहादुर सिंह की पहली तैनाती 25 जुलाई 2011 को आगरा में डिप्टी कलक्टर के तौर पर हुआ था। 28 सितंबर 2012 को उनकी तैनाती रामपुर में डिप्टी कलक्टर के पद पर हुई। 2014-16 में मुरादबाद और 2016-18 में मेरठ के डिप्टी कलक्टर के तौर पर उन्होंने कार्य किया।संतोष बहादुर सिंह को 17 मार्च 2018 को गाजियाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर तैनाती मिली। 24 अगस्त 2018 को वे बांदा के एडीएम बनाए गए। 2021 में उन्हें बरेली भेजा गया। 15 मई 2025 को वे सहारनपुर के एडीएम बनाकर भेजे गए। अब उनके खिलाफ सांसद ने अपमान का आरोप लगा दिया है।

क्या है विवाद?

मामला 1 जुलाई 2025 का है। सांसद इकरा हसन नगर पंचायत छुटमलपुर की समस्याओं को लेकर एडीएम कार्यालय पहुंचीं थीं। सांसद का आरोप है कि वहां एडीएम संतोष बहादुर सिंह ने न केवल उन्हें और नगर पंचायत अध्यक्ष को नजरअंदाज किया, बल्कि गेट आउट जैसे अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया। सांसद का दावा है कि उन्होंने दोपहर 1 बजे कार्यालय से संपर्क किया, लेकिन एडीएम ने लंच का हवाला देते हुए मिलने से मना कर दिया। सांसद का कहना है कि बाद में जब वह कार्यालय पहुंचीं तो अधिकारी ने उनके साथ बेहद असभ्य व्यवहार किया। एडीएम ने उनसे कहा कि यह मेरा ऑफिस है, मैं मालिक हूं, जो चाहूं करूंगा। सांसद ने कहा कि जब उन्होंने विरोध किया, तो अधिकारी ने इसे टंग ऑफ स्लिप कहकर टालने की कोशिश की।

एडीएम ने आरोपों को नकारा

एडीएम संतोष बहादुार सिंह का मामले में बयान सामने आया है। उन्होंने सांसद के सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को वह फील्ड विजिट पर थे। उन्हें जैसे ही सांसद के आने की जानकारी मिली, वह तुरंत कार्यालय लौट आए। उनके अनुसार, जब वह पहुंचे तब सांसद वहां नहीं थीं। उन्होंने खुद सांसद को कॉल कर बुलाया। मुलाकात के दौरान पूरी शिष्टता से बात की।एडीएम ने कहा कि सांसद ने नगर पंचायत अध्यक्ष से जुड़े कुछ व्यक्तिगत मुद्दे उठाए। इन पर उन्होंने लिखित शिकायत मांगी ताकि जांच कराई जा सके। एडीएम का कहना है कि गेट आउट जैसे शब्द उन्होंने नहीं बोले और न ही कोई असभ्य भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं लोक सेवक हूं। अपनी मर्यादा अच्छी तरह जानता हूं।

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