कौन-कौन से हैं दावेदार
प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों में आदिवासी वर्ग से आने वाले नेता का नाम सबसे आगे है। दुर्गादास उईके अभी बैतूल लोकसभा सीट से सांसद हैं। वह दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं। इसके साथ ही वह मोदी कैबिनेट में मंत्री भी हैं। वह केंद्र सरकार में राज्यमंत्री हैं। दुर्गादास उईके को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बीजेपी आदिवासी वर्ग को साधने की कोशिश कर सकती है।
कैलाश विजयवर्गीय
अभी मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। उनके पास संगठन में काम करने का अनुभव है। वह पार्टी के महासचिव रह चुके हैं। कई राज्यों के प्रभारी के तौर पर काम कर चुके हैं। अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके साीथ बंद कमरे में सीक्रेट मीटिंग की थी जिसके बाद इनके नाम को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
नरोत्तम मिश्रा
मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व गृहमंत्री रह चुके हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनाव दौरान कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं को बीजेपी में ज्वाइन करवाया। राज्यसभा भेजे जाने की भी अटकलें थी लेकिन तब मौका नहीं मिला था। ब्राम्हण वर्ग से आते हैं। इस वर्ग को साधने के लिए बीजेपी इनके चेहरे पर दांव लगा सकती है। कट्टर हिन्दूत्ववादी नेता की छवि भी है।
लाल सिंह आर्य
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। एससी वर्ग से आते हैं। ग्वालियर-चंबल की राजनीति में अच्छा खासा दखल है। वीडी शर्मा भी इसी क्षेत्र से आते हैं। ऐसे में उनकी जगह इन्हें मौका मिल सकता है। अभी बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी मोर्चा हैं।
हेमंत खंडेलवाल
हेमंत खंडेलवाल का नाम चौंकाने वाला हो सकता है। संघ के करीबी माने जाते हैं। स्वच्छ और साफ छवि की राजनीति के लिए जाने जाते हैं। वैश्य वर्ग से आते हैं। बैतूल विधानसभा सीट से विधायक हैं। आदिवासियों के बीच भी अच्छी पकड़ है। आदिवासी वर्ग को साध सकते हैं। हालांकि बीजेपी अक्सर चौंकाने वाला फैसला करती है। अब देखना है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी किसी नए नाम से चौंकाती है या फिर इन नेताओं में से किसी को मौका देती है।