Saturday, July 12, 2025
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चीन को कैसे करेंगे इग्नोर… इस डेटा से समझिए कितना जरूरी है ड्रैगन, क्या बन गया है दुनिया का ‘गेटकीपर’?

चीन को कैसे करेंगे इग्नोर... इस डेटा से समझिए कितना जरूरी है ड्रैगन, क्या बन गया है दुनिया का 'गेटकीपर'?

नई दिल्ली: आज की दुनिया में हर देश और नई टेक्नोलॉजी की बात कर रहा है। लेकिन, एक ऐसी चीज है जो इन सभी में बहुत जरूरी है। उस चीज पर किसी का ध्यान नहीं जाता। यह चीज कुछ और नहीं बल्कि जमीन के नीचे दबे हुए खास खनिज हैं। इनमें , निकल, कोबाल्ट, लिथियम, ग्रेफाइट आदि हैं। चीन आज के समय इन खनिज को लेकर दुनिया में सिरमौर बनने की कोशिश कर रहा है। दुनिया के कई देश तांबा (Copper), निकल (Nickel), कोबाल्ट (Cobalt), लिथियम (Lithium), धरती में पाए जाने वाले दुर्लभ तत्व ( या REEs) और ग्रेफाइट (Graphite) जैसी चीजों के लिए लगातार खुदाई कर रहे हैं। ये सब , स्मार्टफोन और सोलर पैनल जैसे सिस्टम के लिए बहुत जरूरी हैं। ये खनिज आज की दुनिया के लिए ‘जीवन रक्त’ की तरह हैं।

किस देश में कौन सा खनिज सबसे ज्यादा

ऐसा नहीं है कि सारे खनिज एक ही देश में बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। अलग-अलग देश में अलग-अलग खनिज की मात्रा अलग-अलग है। देश के अनुसार खनिज की मात्रा कुछ इस प्रकार है:

  • चिली (Chile) तांबे का सबसे बड़ा उत्पादक है। चिली के पहाड़ों में दुनिया का 23.6% तांबा पाया जाता है।
  • कांगो (Democratic Republic of the Congo) में कोबाल्ट का भंडार है। यहां दुनिया का 65.5% कोबाल्ट मिलता है, जो बैटरी बनाने के लिए बहुत जरूरी है।
  • ऑस्ट्रेलिया (Australia) में लिथियम का दबदबा है। ऑस्ट्रेलिया की धरती से दुनिया का 43.4% लिथियम निकलता है।
  • चीन (China) खनिजों को निकालने में भले ही तीसरे नंबर पर हो, लेकिन वो सब पर नजर रखता है। चीन में दुर्लभ तत्व और ग्रेफाइट सबसे ज्यादा निकलता है। दुनिया का 80 फीसदी से ज्यादा ग्रेफाइट चीन में ही निकलता है।

…लेकिन इस काम में चीन सबसे आगे

खनिज निकालने के बाद, उन्हें साफ करने और इस्तेमाल करने लायक बनाने का काम होता है। इस काम में चीन सबसे आगे है। चीन दुनिया का करीब 44% तांबा, 37% निकल और 76.6% कोबाल्ट प्रोसेस करता है। लिथियम की बात करें तो चीन 64.5% प्रोसेस करता है। REEs का तो चीन 90% से ज्यादा प्रोसेस करता है। ग्रेफाइट में भी चीन का दबदबा है। वो करीब 91% ग्रेफाइट प्रोसेस करता है।

प्रोसेसिंग कितनी जरूरी?

दुनिया अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भागदौड़ कर रही है। ऐसे में एक बात साफ है कि जिस देश का प्रोसेसिंग पर कंट्रोल होगा, वही भविष्य को कंट्रोल करेगा। इस मामले में चीन सबसे ऊपर है। दूसरे देश सिर्फ खनिज निकालते हैं, लेकिन चीन उन्हें बदलकर काम की चीजें बनाता है। चीन सिर्फ खनिजों की दौड़ में शामिल नहीं है, बल्कि वो इस दौड़ का ‘गेटकीपर’ है।

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