‘वेस्ट टू वेल्थ’ मिशन को मिलेगा बढ़ावा
CSIR-CRRI ने सड़क का खास ‘फ्लेक्सिबल पेवमेंट डिजाइन’ तैयार किया है। यह इस सड़की की भार वहन करने की क्षमता और जीवनकाल को बढ़ाता है। निर्माण की लागत को कम करने में ही नहीं, बल्कि यह पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे असर को भी कम करने में मदद करता है। यह पहल भारत सरकार के ‘वेस्ट टू वेल्थ’ (कचरे से धन) मिशन के साथ पूरी तरह से जुड़ी हुई है। साथ ही एपीएसईजेड की पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को भी दर्शाती है।नीति आयोग के सदस्य (विज्ञान और प्रौद्योगिकी) डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने हजीरा पोर्ट पर इस सड़क का उद्घाटन किया। इस कदम की सराहना की। उन्होंने ‘वेस्ट टू वेल्थ’ मिशन को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया। इसका मतलब है बेकार चीजों से उपयोगी चीजें बनाना। इस मौके पर CSIR की महानिदेशक और DSIR की सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। साथ ही CSIR की ओर से ऐसे इनोवेटिव कामों में सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई। यह परियोजना दिखाती है कि कैसे उद्योग, विज्ञान और सरकार मिलकर ऐसे समाधान विकसित कर सकते हैं जो आर्थिक रूप से व्यवहार्य होने के साथ पर्यावरणीय रूप से भी टिकाऊ हों।
स्टील स्लैग क्या होता है?
स्टील स्लैग स्टील निर्माण प्रक्रिया का महत्वपूर्ण बाई-प्रोडक्ट है। यह तब बनता है जब पिघले हुए लोहे से अशुद्धियों को हटाने के लिए भट्टियों में फ्लक्सिंग एजेंट (जैसे चूना पत्थर) मिलाए जाते हैं। ये एजेंट पिघले हुए स्टील के ऊपर एक हल्की, पिघली हुई परत बनाते हुए सिलिकॉन, मैंगनीज, फास्फोरस और सल्फर जैसी अशुद्धियों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं। ठंडा होने पर यह परत कठोर, पत्थर जैसे टुकड़े बन जाती है, जिसे बाद में पिघले हुए स्टील से अलग कर दिया जाता है।
अडानी पोर्ट्स के शेयरों में तेजी
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के बाद अडानी पोर्ट्स के शेयर सोमवार को तेजी के साथ बंद हुए। यह 10.05 रुपये यानी 0.71 फीसदी बढ़कर 1434.80 रुपये पर बंद हुआ। साल की शुरुआत से इसमें 17% की बढ़ोतरी हुई है। यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है। कंपनी का मार्केट कैप करीब 3.09 लाख रुपये करोड़ है।