Tuesday, June 24, 2025
HomeBlogदुश्मन पर छिपकर अटैक... हवा में ही टारगेट का काम तमाम, नागास्त्र...

दुश्मन पर छिपकर अटैक… हवा में ही टारगेट का काम तमाम, नागास्त्र की खूबियों से हिल जाएगा चीन-पाकिस्तान

दुश्मन पर छिपकर अटैक... हवा में ही टारगेट का काम तमाम, नागास्त्र की खूबियों से हिल जाएगा चीन-पाकिस्तान

नई दिल्ली: पाकिस्तान के खिलाफ हालिया सैन्य संघर्ष के बाद है। यही वजह है कि पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट से लेकर नए वॉरशिप पर फोकस बढ़ाया गया है। यही नहीं खतरनाक ड्रोन को भी अपने बेड़े में शामिल करने जा रही। यही वजह है कि भारत ने नागास्त्र-1R (NAGASTRA-1R) नाम के ड्रोन को खरीदने का ऑर्डर दिया है। भारतीय सेना की ओर से कुल 450 ‘नागास्त्र-1आर’ खरीदने का फैसला लिया है। नागास्त्र-1आर कोई साधारण ड्रोन नहीं बल्कि ये दुश्मन को हवा में खोजकर ही तबाह कर सकता है। जानिए नागास्त्र-1आर की खास बातें।

नागास्त्र नहीं सुसाइड ड्रोन

नागास्त्र-1आर को सुसाइड ड्रोन कहा जाए तो कम नहीं होगा। ये ऐसा हथियार है जो दुश्मन पर छिपकर अटैक करने और हवा में ही टारगेट का काम तमाम करने की क्षमता रखता है। इसे नागपुर की सोलर इंडस्ट्रीज ने बनाया है। यह भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के तहत यह आधुनिक हथियार तैयार किया गया है।

देखिए नागास्त्र ड्रोन का VIDEO

सेना ने दिया 450 नागास्त्र का ऑर्डर

सेना ने 450 नागास्त्र ड्रोन का ऑर्डर इमरजेंसी में हथियार खरीदने के अधिकार के तहत दिया है। सोलर इंडस्ट्रीज की कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (EEL) यह ड्रोन बनाएगी। EEL ने सेना को 120 ड्रोन दे भी दिए हैं। भारतीय सेना ने सोलर इंडस्ट्रीज को 480 नागास्त्र-1आर ड्रोन का ऑर्डर 2024 में दिया था। EEL ने जांच के बाद 120 ड्रोन सेना के डिपो में पहुंचा दिए हैं।

दुश्मन के लिए काल है ये ड्रोन

नागास्त्र-1आर एक यूएवी बेस्ड ‘लोइटरिंग म्यूनिशन’ है। यूएवी का मतलब है, बिना इंसान के उड़ने वाला विमान। यह दुश्मन पर छिपकर हमला करने के लिए बनाया गया है। यह ड्रोन हवा में मंडराता रहता है और GPS की मदद से एकदम सटीक निशाना लगाता है। इसकी सटीक टारगेट 2 मीटर तक है।

नागास्त्र-1आर की खास बातें

– सटीक हमले में माहिर है ये ड्रोन। नागास्त्र ‘कामिकेज’ मोड पर काम करता है, यानी दुश्मन को सीधे टारगेट करने के बाद खुद को भी नष्ट कर लेता है।- ‘कामिकेज’ का मतलब है, जानबूझकर दुश्मन पर हमला करने के लिए अपनी जान दे देना। इसे सुसाइड ड्रोन भी कहा जा सकता है।- बेहद ऊंचाई पर भी ये ड्रोन ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। यह ड्रोन 4,500 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर उड़ सकता है।- अधिक ऊंचाई पर उड़ने की वजह से इसके किसी रडार की पकड़ में आना मुश्किल होता है।- इस ड्रोन में दिन और रात में देखने वाले कैमरे लगे हैं। यह दुश्मन के हल्के वाहनों और कैंपों को भी तबाह कर सकता है।- यह ड्रोन 60 मिनट तक उड़ सकता है। इसे 15 किलोमीटर की दूरी से कंट्रोल किया जा सकता है।- इसकी मारक क्षमता पर गौर करें तो यह अपने आप 30 किलोमीटर तक जा सकता है।- नागास्त्र-1 में एक खास फीचर है। अगर टारगेट नहीं मिलता है या मिशन रद्द हो जाता है, तो इसे वापस बुलाया जा सकता है।- यह पैराशूट की मदद से सुरक्षित लैंड कर सकता है। यह सुविधा इसे दूसरे देशों के ड्रोन से बेहतर बनाती है।

नागास्त्र से चीन-पाकिस्तान की क्यों उड़ जाएगी नींद

नागास्त्र-1 ड्रोन दुश्मन के ट्रेनिंग कैंप, लॉन्च पैड और घुसपैठियों पर सटीक हमला करने के लिए बनाया गया है। इससे अपने जवानों (सैनिकों) की जान खतरे में नहीं पड़ती। यह ड्रोन बिजली से चलता है और इसकी आवाज बहुत कम होती है। इसलिए यह पैदल सेना के लिए बहुत उपयोगी है। नागास्त्र के आने से भारतीय सेना की ताकत में इजाफा हुआ है। वहीं इसकी मारक क्षमता से चीन- है।

​ 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments