Friday, July 11, 2025
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नायक फिल्म की तरह इस देश को मिला एक दिन का प्रधानमंत्री, 24 घंटे बाद देंगे ‘इस्तीफा’, कारण क्या है

नायक फिल्म की तरह इस देश को मिला एक दिन का प्रधानमंत्री, 24 घंटे बाद देंगे 'इस्तीफा', कारण क्या है

बैंकॉक: वर्ष 2001 में एक फिल्म आई थी नायक। इस फिल्म में अनिल कपूर लीड रोल में थे। फिल्म में उन्हें एक दिन के लिए प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था। ठीक वैसी ही स्क्रिप्ट एशिया के एक देश में दोहराई गई है, जिसका नाम थाईलैंड है। थाईलैंड में बुधवार को अनुभवी राजनीतिज्ञ और उप प्रधानमंत्री सूर्या जुंगरुंगरेंगकिट ने देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। वह सिर्फ 24 घंटों तक इस पद पर रहेंगे। इसके बाद उन्हें निर्धारित कैबिनेट फेरबदल में बदल दिया जाएगा।

एक दिन के लिए पीएम क्यों बनें सूर्या जुंगरुंगरेंगकिट

दरअसल, सूर्या जुंगरुंगरेंगकिट की यह नियुक्ति संवैधानिक न्यायालय द्वारा मंगलवार को प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा को निलंबित करने के बाद की गई है। पेटोंगटार्न शिनावात्रा पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की बेटी हैं। अदालत ने पाया कि 38 वर्षीय पैतोंगटार्न ने कंबोडिया से जुड़े एक कूटनीतिक विवाद के बीच मंत्री पद की नैतिकता का उल्लंघन किया है। इस विवाद की जड़ एक लीक हुई ऑडियो रिकॉर्डिंग थी जिसमें पैतोंगटार्न ने कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन को “चाचा” कहा और अपने ही देश के सैन्य कमांडर को अपना “प्रतिद्वंद्वी” बताया।

थाईलैंड-कंबोडिया में तनाव क्यों

मई में दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव पैदा हुआ था। इस दौरान हुई झड़पों में कंबोडिया के एक सैनिक की मौत भी हुई थी। ऐसे में थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा की टिप्पणियों से लोग भड़क गए और उनके इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। लोगों ने उन पर थाई सेना को कमजोर करने के आरोप लगाए। हालांकि, पहले सरकार ने प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा के इस्तीफे से इनकार कर दिया, लेकिन बाद में कोर्ट के आदेश के सामने उन्हें झुकना पड़ा।

शिनावात्रा परिवार पर संकट के बादल

पैतोंगटार्न शिनावात्रा के निलंबन ने उनके परिवार के राजनीतिक वंश के सामने पहले से ही चल रही उथल-पुथल को और बढ़ा दिया है। उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा वर्तमान में अदालत में शाही मानहानि के आरोपों का सामना कर रहे हैं। नए मंत्रिमंडल में खुद को संस्कृति मंत्री का पद सौंपने के बावजूद, पैटोंगटार्न का शीर्ष पद से हटना थाई राजनीति पर शिनवात्रा परिवार की कमजोर होती पकड़ को दर्शाता है। कभी सत्तारूढ़ फेउ थाई पार्टी के पीछे अजेय शक्ति के रूप में देखी जाने वाली पैतोंगटार्न की गिरती स्वीकृति रेटिंग और गठबंधन सहयोगियों द्वारा उनका साथ छोड़ देने से उनकी स्थिति काफी कमजोर हो गई है।

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