काफी बड़ा है ये प्रोजेक्ट
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता इन युद्धपोतों का निर्माण कर रही है। प्रत्येक कंपनी इनमें से आठ जहाजों का निर्माण करेगी। जहां तक लागत की बात है तो INS अर्नाला 16 एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) जहाजों के पूरे कार्यक्रम का हिस्सा है। इसकी कुल लागत 12,622 करोड़ रुपये है। इस हिसाब से प्रति जहाज लगभग 789 करोड़ रुपये की लागत आती है।महाराष्ट्र के वसई स्थित ऐतिहासिक अर्नाला किले के नाम पर इस युद्धपोत का नाम रखा गया है। यह भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को दर्शाता है। इस किले का निर्माण साल 1737 में मराठाओं की ओर से चिमाजी आप्पा के नेतृत्व में किया गया था। यह किला रणनीतिक रूप से वैतरणा नदी के मुहाने की निगरानी के लिए था। उत्तरी कोंकण तट पर यह प्रहरी की भूमिका निभाता था।
क्या करती है जीआरएसई?
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) कोलकाता, भारत की एक प्रमुख जहाज निर्माण कंपनी है। यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) है। जीआरएसई मुख्य रूप से भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के लिए विभिन्न प्रकार के युद्धपोत और अन्य पोत बनाती है। इसके अलावा, यह कभी-कभी निर्यात के लिए भी जहाज बनाती है। GRSE का भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल में महत्वपूर्ण योगदान है। कारण है कि यह देश की रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी रूप से जहाजों का निर्माण करती है।