Tuesday, July 22, 2025
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पूरा देश रेगिस्तान, फिर ऑस्ट्रेलिया-चीन से रेत आयात क्यों कर रहा सऊदी अरब, कारण जानें

पूरा देश रेगिस्तान, फिर ऑस्ट्रेलिया-चीन से रेत आयात क्यों कर रहा सऊदी अरब, कारण जानें

रियाद: अपने विशाल रेगिस्तान के लिए जाना जाने वाला सऊदी अरब लंबे समय से विदेशों से रेत आयात कर रहा है। सऊदी अरब जिन देशों से रेत आयात करता है, उनमें ऑस्ट्रेलिया, चीन और बेल्जियम शामिल हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर रेत की बुनियाद पर बसा सऊदी अरब इसे बाहर से क्यों आयात कर रहा है। इसका कारण सऊदी अरब में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण संबंधी जरूरते हैं। जैसे-जैसे सऊदी अरब अपने अरबों डॉलर के विजन 2030 प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ा रहा है, रेगिस्तानों में उपलब्ध न हो सकने वाली एक खास किस्म की रेत की मांग के कारण आयात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। विजन 2030 सऊदी प्रिंस मोहम्मब बिन सलमान का ड्रीम प्रोजेक्ट है।

रेगिस्तानी रेत क्यों काम नहीं आएगी?

सऊदी अरब जैसे रेगिस्तानी इलाकों में रेत प्रचुर मात्रा में मौजूद है, लेकिन सभी रेत एक जैसी नहीं होती। रेगिस्तान में पाए जाने वाले रेत के कण आमतौर पर बहुत गोल और चिकने होते हैं क्योंकि हजारों सालों में हवा के कारण उनकी बाहरी सतह चिकनी बन गई है। यही चीज उन्हें कंक्रीट में इस्तेमाल के लिए अनुपयुक्त बनाता है। रेगिस्तानी रेत, सीमेंट और पानी के साथ मिलकर निर्माण को मजबूत नहीं बनाती है। इसके लिए दानेदार और खुरदरी सतह वाले मोटे कणों की जरूरत होती है।

कहां से आती है रेत

गगनचुंबी इमारतों, बुनियादी ढांचे और शहरी विकास के लिए आवश्यक रेत आमतौर पर नदी की तलहटी, झीलों और समुद्र तल से आती है। यहाँ ऐसा वातावरण होता है, जहां अधिक कोणीय कण उत्पन्न होते हैं। ये कण सीमेंट और पानी के साथ मिलकर प्रभावी रूप से बंधने में सक्षम होते हैं। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के अनुसार, दुनिया में प्रतिवर्ष लगभग 50 अरब टन रेत की खपत होती है, जिससे यह दुनिया में सबसे अधिक निकाला जाने वाला ठोस पदार्थ बन जाता है। हालाँकि, इसका केवल एक अंश ही निर्माण कार्यों के लिए उपयुक्त है।

रेत आपूर्ति में ऑस्ट्रेलिया की भूमिका

ऑस्ट्रेलिया उच्च गुणवत्ता वाली सिलिका और निर्माण रेत के प्रमुख निर्यातकों में से एक के रूप में उभरा है। ओईसी वर्ल्ड के अनुसार, 2023 में ऑस्ट्रेलिया ने 273 मिलियन डॉलर की रेत का निर्यात किया, जिससे यह दुनिया में रेत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक (183 में से) बन गया, जिसके आयातकों में सऊदी अरब भी शामिल है। 2023 में, सऊदी अरब ने ऑस्ट्रेलिया से लगभग 140,000 अमेरिकी डॉलर मूल्य की प्राकृतिक निर्माण-ग्रेड रेत का आयात किया।

वैश्विक रेत संकट

आयातित रेत पर निर्भरता सिर्फ सऊदी अरब का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक बढ़ती वैश्विक चिंता को दर्शाता है। यूएनईपी ने इस बात पर जोर दिया है कि दुनिया एक “रेत संकट” का सामना कर रही है। उसने चेतावनी दी है कि अनियंत्रित रेत की खुदाई दुनिया के कई हिस्सों में पर्यावरणीय क्षरण का कारण बन रहा है, जिसमें नदी तल का कटाव, आवास विनाश और जैव विविधता का नुकसान शामिल है। इसके जवाब में, कुछ देश उपयुक्त निर्माण सामग्री बनाने के लिए चट्टानों को तोड़कर बनाई जाने वाली निर्मित रेत (एम-रेत) जैसे विकल्पों में निवेश कर रहे हैं। इसके अलावा प्राकृतिक रेत संसाधनों पर दबाव कम करने के लिए रिसाइकिल बिल्डिंग मेटेरियल का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

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