Friday, June 20, 2025
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बिहार में अचानक ‘भूंजा पार्टी’ पार्टी की चर्चा क्यों? जानिए जीजा- जमाई आयोग का 2,60,000 रुपया प्रति महीने वाला कनेक्शन

बिहार में अचानक 'भूंजा पार्टी' पार्टी की चर्चा क्यों? जानिए जीजा- जमाई आयोग का 2,60,000 रुपया प्रति महीने वाला कनेक्शन

पटना: जमाई आयोग बनाने के बाद PM और CM को अब ‘जीजा आयोग’ भी बनवा देना चाहिए। केंद्रीय मंत्री के जीजा, बिहार सरकार के मंत्री के जीजा, सांसद के पति इत्यादि अनेक लोग 2,60,000 लाख रुपये सैलरी प्रति माह पाने के लिए आयोगों में ठूंसे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री की अचेत अवस्था ” के लिए ईश्वरीय उपहार बन चुकी है। उपरोक्त बयान ने अपने एक्स अकाउंट से दिया है। चाचा के प्रति हमेशा संभलकर बोलने वाले तेजस्वी यादव अब व्यक्तिगत प्रहार करने लगे हैं। तेजस्वी यादव, लगातार बिहार में आयोगों में हुई नियुक्ति को लेकर सवाल पूछ रहे हैं।

सीएम पर सियासी प्रहार

ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फिर से हमला बोला और एनडीए के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर गठबंधन नेताओं के रिश्तेदारों को अहम पद देकर उनका पक्ष लेने का आरोप लगाया। कटाक्ष करते हुए यादव ने बड़े पैमाने पर भाई-भतीजावाद को उजागर करने के लिए जमाई आयोग (दामाद आयोग) और यहां तक कि ‘जीजा आयोग ‘ (भाई-भतीजावाद) के गठन का प्रस्ताव रखा।

परिवारवाद पर सवाल

राजद नेता तेजस्वी ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी ‘परिवारवाद’ के खिलाफ बोलते रहते हैं, लेकिन बिहार दौरे के दौरान इस मामले पर उनकी चुप्पी पर सवाल खड़ा किया। तेजस्वी ने कहा कि हमने पहले विशेष व्यवस्था आयोग की मांग की थी। जमाई आयोग होना चाहिए, लेकिन अब जीजा आयोग भी होना चाहिए। बहुत सारे रिश्तेदारों को पद दिए जा रहे हैं। अधिकारी अपने रिश्तेदारों को व्यवस्था के हिसाब से ढालने में मदद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इसे अनदेखा करते हैं।

राज्य अव्यवस्था पर सवाल

तेजस्वी ने दावा किया कि राज्य सरकार में अव्यवस्था है, जहां नेता योग्यता की परवाह किए बिना अपने संबंधों का इस्तेमाल कर रिश्तेदारों की नियुक्ति कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सब कुछ संबंधों के आधार पर हो रहा है – एक कोटे से बेटी, दूसरे से दामाद। ‘भाई-भाई आयोग’ का गठन जल्दी किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री नियंत्रण में नहीं हैं। और उनकी पार्टी के लोग इससे खुश हैं और जो चाहें कर रहे हैं। वे बिहार को लूट रहे हैं।

बिहार दौरे पर कटाक्ष

तेजस्वी ने पीएम मोदी के बिहार दौरे को लेकर इस मामले में चुप्पी पर सवाल करते हुए कहा कि जब भी बिहार आते हैं, तो वे केवल हमारी आलोचना करते हैं। लेकिन वे कभी भी अपने गठबंधन में क्या हो रहा है, इस पर सवाल नहीं उठाते। आरएसएस कोटा है। क्या मुख्यमंत्री हमें बता सकते हैं कि आरएसएस से कितने मंत्री हैं? बिहार में चुनाव हारने वाले लोग भी मंत्री बनाए जाते हैं। कुछ को तो कार्यकाल खत्म होने के बाद भी मंत्री बनाया जाता है। यही लोग अब हमें उपदेश देते हैं।

स्वास्थ्य सेवा पर सवाल

आरजेडी नेता ने प्रधानमंत्री मोदी को इस हफ़्ते साइप्रस से नागरिक सम्मान मिलने पर भी टिप्पणी की। वे भारत के प्रधानमंत्री हैं। शायद इसलिए उन्हें यह सम्मान मिल रहा है। लेकिन देश की वास्तविक स्थिति के बारे में बात करते हैं – यहाँ बेरोज़गारी, ग़रीबी और बढ़ती कीमतें हैं। सरकार ने मुफ़्त राशन बाँटने के अलावा कुछ ख़ास नहीं किया है। लेकिन लोगों के घरों, नौकरियों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का क्या?

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