Thursday, July 10, 2025
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ब्रिक्स में मोदी का चीन पर इशारों में वार? रेयर अर्थ मेटल को लेकर पीएम ने कह दी बड़ी बात

ब्रिक्स में मोदी का चीन पर इशारों में वार? रेयर अर्थ मेटल को लेकर पीएम ने कह दी बड़ी बात

नई दिल्ली/ रियो डी जिनेरियो: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में कहा कि समूह के देशों को महत्वपूर्ण खनिजों और टेक्नोलॉजी की सप्लाई चेन को सुरक्षित बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी देश इन संसाधनों का उपयोग अपने ‘स्वार्थी लाभ’ के लिए या दूसरों के खिलाफ ‘हथियार’ के रूप में न करे। माना जा रहा है कि ने परोक्ष रूप से चीन को लेकर इस आशय की बात कही है। बहुपक्षवाद, वित्तीय मामलों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आयोजित सत्र में रविवार को अपने संबोधन में मोदी ने पारदर्शिता बनाए रखने और दुरुपयोग को रोकने के वास्ते एआई के उपयोग के लिए वैश्विक मानक बनाने का भी आह्वान किया। महत्वपूर्ण खनिजों पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी, इन महत्वपूर्ण संसाधनों के निर्यात पर चीन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों तथा इस क्षेत्र में उसकी अपारदर्शी नीतियों को लेकर वैश्विक स्तर पर जताई जा रही चिंता के बीच आई है।

चीन को परोक्ष संकेत

मोदी की तरफ से ब्रिक्स सहयोग का आह्वान, चीन के लिए एक अप्रत्यक्ष संकेत है। पीएम का बयान अप्रैल में चीनी वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए निर्यात नियंत्रण आदेश के कारण दुर्लभ पृथ्वी धातुओं और संबद्ध उत्पादों की ग्लोबल सप्लाई की कमी के बीच आया है। चीन के पास दुनिया की लगभग 90-95% रेयर अर्थ मेटल्स प्रोसेसिंग क्षमता है। इससे वह एक्सपोर्ट्स का अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकता है। रेयर अर्थ मेटल्स और उनके प्रोडक्ट्स का यूज रणनीतिक क्षेत्रों जैसे कि अक्षय ऊर्जा, स्वच्छ गतिशीलता और इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में किया जाता है। लिथियम, निकल और ग्रेफाइट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), ड्रोन और बैटरी भंडारण सहित उच्च-स्तरीय प्रौद्योगिकी उत्पादों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। चीन वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण खनिजों की सप्लाई चेन में प्रमुख भूमिका निभाता रहा है।

भारत में होगा एआई प्रभाव समिट

प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारत अगले साल “एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन” का आयोजन करेगा। मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि चिंताओं के समाधान और इनोवेशन को प्रोत्साहित करने को एआई शासन में समान महत्व दिया जाना चाहिए। हमें जिम्मेदार एआई के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे वैश्विक मानक बनाए जाने चाहिए, जो डिजिटल सामग्री की प्रामाणिकता को सत्यापित कर सकें, ताकि हम सामग्री के स्रोत की पहचान कर सकें और पारदर्शिता बनाए रख सकें तथा दुरुपयोग को रोक सकें।

पुतिन, रूस समिट में नहीं हुए शामिल

समुद्र तटीय ब्राजील के इस शहर में आयोजित शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स के शीर्ष नेताओं ने विश्व के समक्ष उपस्थित विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल-फतह अल-सिसी भी सम्मेलन में शामिल नहीं हुए।

11 प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्था एक साथ

ब्रिक्स एक प्रभावशाली समूह के रूप में उभरा है, क्योंकि यह विश्व की 11 प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है, जो वैश्विक जनसंख्या का लगभग 49.5 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 40 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के लगभग 26 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ‘ग्लोबल साउथ’ की मदद के लिए ब्रिक्स द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी चर्चा की। ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से मिलकर बने ब्रिक्स का 2024 में विस्तार किया गया, जिसके तहत मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को समूह में शामिल किया गया। इंडोनेशिया 2025 में ब्रिक्स में शामिल हुआ। इसके 17वें शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों, भागीदारों और विशेष आमंत्रित देशों ने भाग लिया। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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