Monday, July 21, 2025
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भारतीय न्याय व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत, CJI गवई ने कहा इंडियन ज्यूडिशियरी चुनौती का सामना कर रही

भारतीय न्याय व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत, CJI गवई ने कहा इंडियन ज्यूडिशियरी चुनौती का सामना कर रही

हैदराबादः देश के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि अनोखी चुनौतियों का सामना कर रही है और इसमें सुधार की सख्त जरूरत है। जस्टिस गवई ने यहां ‘नालसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ’ के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए छात्रों को सलाह दी कि वे छात्रवृत्ति पर विदेश जाकर पढ़ाई करें, न कि परिवार पर इसका बोझ डालें।सीजेआई ने इस संबंध में अमेरिका के वरिष्ठ संघीय जिला न्यायाधीश जेड एस राकॉफ का हवाला दिया। अमेरिकी जज ने अपनी पुस्तक ‘क्यों निर्दोष दोषी ठहराए जाते हैं एवं दोषी मुक्त हो जाते हैं: और हमारी टूटी हुई कानूनी व्यवस्था के अन्य विरोधाभास’’ में लिखा था, ‘‘हालांकि मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि हमारी न्याय व्यवस्था में सुधार की सख्त ज़रूरत है, फिर भी मैं पूरी तरह से आशावादी हूं कि मेरे साथी (नागरिक) इस चुनौती का सामना करेंगे।’’अमेरिकी न्यायाधीश की इस टिप्पणी को प्रधान न्यायाधीश गवई ने उद्धृत किया। इसके अलावा, सीजेआई ने पोस्ट ग्रेजुएट पास छात्रों को सलाह दी कि वे ईमानदारी के लिए मार्गदर्शकों की तलाश करें, न कि उनके प्रभाव के इस्तेमाल के लिए।सीजेआई ने कहा कि न्याय व्यवस्था में सुधार की सख़्त जरूरत है। हमारा देश और न्याय व्यवस्था अनोखी चुनौतियों का सामना कर रही है। मुकदमों में कभी-कभी दशकों तक देरी होती है। हमने ऐसे कई मामले देखे हैं जहां किसी व्यक्ति को विचाराधीन कैदी के रूप में वर्षों जेल में बिताने के बाद निर्दोष पाया गया है। हम जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं उनके समाधान में हमारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं मदद कर सकती हैं।मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा भी दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। तेलंगाना हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की।

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