चीन ने पाकिस्तान को चुपचाप दिए Z-10ME
पाकिस्तान बीते कई सालों से आधुनिक अटैक हेलीकॉप्टर खरीदने की सोच रहा था। की नजर पहले तुर्की के T129 ATAK हेलीकॉप्टर पर थी। तुर्की को इस हेलीकॉप्टर के इंजन के कुछ पार्ट अमेरिका से लेने थे। अमेरिका के पार्ट्स देने से मना करने के चलते तुर्की ये हेलीकॉप्टर पाकिस्तान को नहीं दे सका। ऐसे में चीन ने Z-10ME हेलीकॉप्टर पाकिस्तान को दिया है।पाकिस्तानी आर्मी और Z-10 बनाने वाली चीन की सरकारी कंपनी AVIC ने यह नहीं बताया है कि पाकिस्तान को Z-10ME हेलीकॉप्टर दिए गए हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान में Z-10ME हेलीकॉप्टर मिल चुके हैं। Z-10ME पाकिस्तानी सेना की मजबूती बढ़ाएंगे, खासतौर से पाक आर्मी को अपने हेलीकॉप्टर फ्लीट को आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी।
भारत के अपाचे हेलीकॉप्टर से मुकाबला!
पाकिस्तान के Z-10ME का मुकाबला भारत के अपाचे हेलीकॉप्टर से हो सकता है। पाकिस्तान को Z-10ME चीन से तो भारत को अपाचे हेलीकॉप्टर अमेरिका से मिला है। भारत ने 2020 में अमेरिका के साथ छह अपाचे हेलीकॉप्टर के लिए 600 मिलियन डॉलर की डील की थी। ये हेलीकॉप्टर बीते साल जून तक मिलने थे लेकिन इनकी डिलीवरी समय से नहीं हो सकी। भारत को तीन अपाचे इस साल जुलाई और बाकी तीन 2025 के आखिर तक मिल सकते हैं।अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिलने से भारतीय सेना की ताकत बढ़ेगी। अपाचे अपने नाइट विजन और थर्मल सेंसर की वजह से रात के अंधेरे और खराब मौसम में भी ऑपरेशन कर सकता है। यह 60 सेकंड में 128 गतिशील लक्ष्यों की पहचान कर उसे नष्ट करने में सक्षम हैं। यह लड़ाकू हेलीकॉप्टर 625 राउंड प्रति मिनट की दर से गोलीबारी कर सकता है।
अपाचे हेलीकॉप्टर में मिसाइल सिस्टम
अपाचे हेलीकॉप्टर में AGM-114 हेलफायर मिसाइल सिस्टम लगा है, जो टैंक-रोधी, लेजर-गाइडेड मिसाइलें, बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम हैं। इस हेलीकॉप्टर में हाइड्रा 70 रॉकेट 70 मिमी का अनगाइडेड रॉकेट है, जो जमीनी ठिकानों को तबाह कर सकता है। इसमें लगी स्ट्रिंगर मिसाइल हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो हवाई खतरों से निपट सकती हैं।अपाचे हेलीकॉप्टर की स्पीड 280-365 किमी प्रति घंटा है। इसकी ऑपरेशनल रेंज 480 से 500 किमी है। यह एक बार उड़ान भरने के बाद साढ़े तीन घंटे तक हवा में रह सकता है। यह हेलीकॉप्टर जटिल और प्रतिस्पर्धी युद्धक्षेत्र में हावी होने के लिए डिजाइन किया गया है। एक पायलट इसे उड़ाता है तो दूसरा इसमें लगे हथियार ऑपरेट करता है।