Friday, July 11, 2025
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भारत के स्वदेशी हथियारों पर दुनिया की नजरें, डिफेंस इंडस्ट्री के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बड़ा पुश

भारत के स्वदेशी हथियारों पर दुनिया की नजरें, डिफेंस इंडस्ट्री के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' बड़ा पुश

नई दिल्ली: में सिर्फ इंडियन आर्म्ड फोर्सेस की ताकत ही नहीं दिखी, बल्कि इससे की डिफेंस इंडस्ट्री को भी बड़ा पुश मिला है। दुनिया भर की नजरें इस ऑपरेशन पर थी। जिस तरह की आर्म्ड फोर्सेस ने की तरफ से हुए हर हमले को नाकाम किया और भारत की तरह के हुई लगभग हर स्ट्राइक सटीक हुई, उसमें स्वदेशी और प्लेटफॉर्म की भी बढ़ी भूमिका रही। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने के ड्रोन और चीन की को नाकाम किया। इस बात को लेकर भी चर्चा हो रही है कि किस तरह भारत ने पाकिस्तान के चीन से लिए हुए HQ-9 रडारों को भी फेल किया और सटीक स्ट्राइक की, इसका डिफेंस इंडस्ट्री के लोग अलग अलग विश्लेषण में लगे हैं।

हर तरफ हो रही आकाशतीर की चर्चा

पिछले कुछ सालों में भारत ने स्वदेशी डिफेंस इंडस्ट्री पर बहुत फोकस किया था और रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए कई कदम उठाए। स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम, डी-4 एंटी ड्रोन सिस्टम, स्वदेशी लॉइटरिंग एम्युनिशन, कामेकाजी ड्रोन स्काई स्ट्राइकर सहित आकाशतीर की चर्चा हो रही है। साथ ही भारत और रूस के जॉइंट वेंचर ब्रह्मोस का भी इस ऑपरेशन में कॉम्बेट डेब्यू हुआ।

बेटल प्रूवन की सबसे ज्यादा अहमियत

एक अधिकारी ने कहा कि कोई भी हथियार कितना भी घातक और विश्वसनीय क्यों न कहा जाए, पर उसका असली टेस्ट तभी होता है जब उसका असल में इस्तेमाल होता है। ऑपरेशन सिंदूर कई स्वदेशी हथियारों और सिस्टम का भी असल टेस्ट था, जिसमें वे सफल हुए। उन्होंने कहा कि डिफेंस इंडस्ट्री में बेटल प्रूवन (असल लड़ाई में जिसने खुद को साबित किया है) की सबसे ज्यादा अहमियत है। स्वदेशी हथियारों की सटीकता और हमले रोकने की क्षमता ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई दी।

आकाशतीर से 6 नोड पूरे ऑपरेशन में रहे एक्टिव

पूरे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान के 6 आकाशतीर नोड ने पूरे वेस्टर्न बॉर्डर पर 24 घंटे निगरानी की और एयर डिफेंस को कंट्रोल कर मोर्चा संभाले रखा। सूत्रों के मुताबिक आकाशतीर से 6 नोड लद्दाख, कश्मीर, जम्मू सेक्टर, पठानकोट एरिया, आदमपुर एरिया और जैसलमेर-बाड़मेर एरिया में सक्रिय रहे। इंडियन आर्मी के ये आकाशतीर नोड इंडियन एयरफोर्स के इंटिग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से जुड़े हुए थे।

एक साथ दिखाई देती है हर जगह की तस्वीर

आकाशतीर को इंडियन आर्मी के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने डेवलप किया है। इसमें सेटेलाइट कम्युनिकेशन, लाइन कम्युनिकेशन और रेडियो कम्युनिकेशन हैं। आर्मी के सभी एयर डिफेंस रडार का डेटा इसमें आ जाता है और ये इसे एयरफोर्स के इंटिग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से कनेक्ट करता है। इसके जरिए हर जगह की पूरी तस्वीर एक साथ सब जगह दिखाई देती है और दुश्मन की तरफ से आ रहे खतरे को देखते हैं।

सिस्टम का रिएक्शन टाइम बहुत कम

बता दें कि इसके कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम में पूरी पिक्चर के साथ यह सुझाव भी आ जाता है कि किस हथियार से और किस लोकेशन से इसे इंगेज करना है। इससे रिएक्शन टाइम बहुत कम हो जाता है। पाकिस्तान ने सैकड़ों ड्रोन की घुसपैठ करवाई और सूत्रों के मुताबिक सभी ड्रोन को मार गिराया गया यानी हार्ड किल।

एयरफोर्स ने 23 मिनट में पूरा किया मिशन

ऑपरेशन सिंदूर में जब 9 आतंकी ठिकानों पर स्ट्राइक की गई, तब इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान के चीन मेड एयर डिफेंस सिस्टम को बाईपास किया और जाम करते हुए मिशन 23 मिनट में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। दो दिन पहले एक कार्यक्रम में इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन ने बताया कि देश की सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कम से कम 10 सेटेलाइट 24 घंटे लगातार काम कर रहे हैं।

सेटेलाइट और ड्रोन तकनीक जरूरी

देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेटेलाइट के माध्यम से निगरानी जरूरी है। भारत को अपने 7000 किलोमीटर लंबे समुद्री तट की निगरानी करनी होती है। उसे पूरे उत्तरी क्षेत्र पर निरंतर नजर रखनी होती है। सेटेलाइट और ड्रोन तकनीक के बिना यह संभव नहीं है।

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