परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर सवाल
राजनाथ सिंह ने कहाकि आज आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिज्ञा कितनी कठोर है, इसका पता इसी बात से चलता है कि हमने उनके न्यूक्लियर ब्लैकमेल की भी परवाह नहीं की है। पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे गैर ज़िम्मेदाराना तरीके से पाकिस्तान की तरफ से भारत को अनेक बार एटमी धमकियां दी गईं हैं। उन्होंने कहा कि आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैर जिम्मेदार और दुष्ट देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को IAEA यानि (International Atomic Energy Agency) की निगरानी में लिया जाना चाहिए। रक्षा मंत्री श्रीनगर के बादामी बाग छावनी में भारतीय सैनिकों को संबोधित कर रहे थे।
पाकिस्तान की बेइज्जती
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की, तो मैं बात ही क्या करूं आपसे। वह देश तो, मांगते-मांगते अपनी जहालत से एक ऐसी हालत में आ गया है, कि उसके बारे में यह भी कहा जा सकता है, कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू होती है। अभी आपने सुना ही होगा, कि कैसे वह फिर एक बार, IMF के पास कर्ज मांगने गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि वहीं, दूसरी तरफ हमारा देश है, कि हम, आज उन देशों की श्रेणी में आते हैं, जो IMF को कर्ज देते हैं, ताकि IMF गरीब देशों को कर्ज दे सकें।