Saturday, July 12, 2025
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दुष्ट और गैर जिम्मेदार देश… क्या पाकिस्तान के हाथ में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? राजनाथ सिंह ने क्यों उठाया ये सवाल

दुष्ट और गैर जिम्मेदार देश... क्या पाकिस्तान के हाथ में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? राजनाथ सिंह ने क्यों उठाया ये सवाल

नई दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान के साथ ही दुनिया को संदेश दिया था। संदेश साफ था कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की अपनी रणनीति से पीछे हटने वाला नहीं है। रक्षा मंत्री ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचे। इस दौरान सिंह ने पाकिस्तान के हाथों में परमाणु हथियारों के सुरक्षित होने को लेकर भी सवाल उठाए। इसके साथ ही राजनाथ अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने का आग्रह किया। भारत की तरफ से यह बात ऐसे समय में कही गई है जब कुछ ही दिनों पहले परमाणु हथियार संपन्न दोनों पड़ोसी देशों ने लगभग तीन दशकों में अपने सबसे खराब सैन्य संघर्ष को समाप्त किया है। राजनाथ समग्र सुरक्षा स्थिति, विशेष रूप से नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा का जायजा लेने के लिए जम्मू और कश्मीर पहुंचे हैं।

परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर सवाल

राजनाथ सिंह ने कहाकि आज आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिज्ञा कितनी कठोर है, इसका पता इसी बात से चलता है कि हमने उनके न्यूक्लियर ब्लैकमेल की भी परवाह नहीं की है। पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे गैर ज़िम्मेदाराना तरीके से पाकिस्तान की तरफ से भारत को अनेक बार एटमी धमकियां दी गईं हैं। उन्होंने कहा कि आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैर जिम्मेदार और दुष्ट देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को IAEA यानि (International Atomic Energy Agency) की निगरानी में लिया जाना चाहिए। रक्षा मंत्री श्रीनगर के बादामी बाग छावनी में भारतीय सैनिकों को संबोधित कर रहे थे।

पाकिस्तान की बेइज्जती

रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की, तो मैं बात ही क्या करूं आपसे। वह देश तो, मांगते-मांगते अपनी जहालत से एक ऐसी हालत में आ गया है, कि उसके बारे में यह भी कहा जा सकता है, कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू होती है। अभी आपने सुना ही होगा, कि कैसे वह फिर एक बार, IMF के पास कर्ज मांगने गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि वहीं, दूसरी तरफ हमारा देश है, कि हम, आज उन देशों की श्रेणी में आते हैं, जो IMF को कर्ज देते हैं, ताकि IMF गरीब देशों को कर्ज दे सकें।

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