संसद के शीतकालीन सत्र के 17वें दिन आज सरकार लोकसभा में एक देश-एक चुनाव से जुड़े 2 बिल पेश करेगी। दोनों बिल को 12 दिसंबर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पहले एक देश-एक चुनाव के लिए 129वां संविधान संशोधन बिल पेश करेंगे। कांग्रेस और शिवसेना ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। दूसरा बिल केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े 3 कानूनों में संशोधन का है। इस बिल में द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट- 1963, द गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली- 1991 और द जम्मू एंड कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन एक्ट- 2019 शामिल हैं। इसके जरिए जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए भी संशोधन किया जा सकता है। वहीं, राज्यसभा में संविधान पर विशेष चर्चा दूसरे दिन भी जारी रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम को चर्चा पर जवाब दे सकते हैं। इससे पहले PM ने 14 दिसंबर को लोकसभा में संविधान पर विशेष चर्चा में भाग लिया था। चर्चा के दौरान उन्होंने कांग्रेस को संविधान का शिकार करने वाली पार्टी बताया था। बीते दिन वित्त मंत्री सीतारमण और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के बीच बहस हुई
राज्यसभा में सोमवार को संविधान पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच खूब बहस हुई। वित्त मंत्री ने कहा- कांग्रेस परिवार और वंशवाद की मदद करने के लिए बेशर्मी से संविधान संशोधन करती रही। इस पर खड़गे ने कहा, ‘जो लोग तिरंगे, अशोक चक्र और संविधान से नफरत करते थे, वे आज शिक्षा दे रहे हैं। जब संविधान बना, तो इन लोगों ने इसे जला दिया था। जिस दिन संविधान अपनाया गया था, इन्होंने रामलीला मैदान दिल्ली में बाबासाहेब अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी के पुतले जलाए थे। RSS के नेता संविधान का विरोध इसलिए करते हैं क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं है।’ खड़गे ने कहा, ‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से ग्रेजुएट हैं। मैंने म्यूनिसिपल स्कूल से पढ़ाई की है, लेकिन संविधान हमने भी थोड़ा-बहुत पढ़ा है। निर्मला जी की अंग्रेजी और हिन्दी अच्छी होगी, लेकिन उनके कर्म अच्छे नहीं हैं।’ पूरी खबर पढ़ें… एक देश-एक चुनाव के लिए बनाई गई समिति ने मार्च में राष्ट्रपति को सौंपी थी रिपोर्ट
एक देश-एक चुनाव पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर, 2023 को एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने करीब 191 दिनों में स्टेकहोल्डर्स और एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद 14 मार्च, 2024 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थी। एक देश-एक चुनाव को लागू करने के लिए संविधान संशोधन के जरिए संविधान में 1 नया अनुच्छेद जोड़ने और 3 अनुच्छेदों में संशोधन करने की व्यवस्था की जाएगी। सरकार इस मुद्दे पर आम सहमति बनाना चाहती है, लिहाजा बिल को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजे जाने की संभावना है। संविधान संशोधन से क्या बदलेगा, 3 पॉइंट… कोविंद कमेटी की 5 सिफारिशें… एक देश-एक चुनाव क्या है…
भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं। एक देश-एक चुनाव का मतलब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से है। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय वोट डालेंगे। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद दिसंबर, 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई। ——————————————————— एक देश-एक चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… क्या 2029 से देश में होगा वन इलेक्शन, फायदे-खामियों पर सब कुछ जो जानना जरूरी आजाद भारत का पहला चुनाव 1951-52 में हुआ। उस वक्त लोकसभा और राज्यों की विधानसभा के चुनाव एक साथ होते थे। 1957, 1962 और 1967 तक ये परंपरा जारी रही। अब 2029 में ये परंपरा फिर से शुरू हो सकती है। इससे जुड़ा बिल संसद में पेश हो सकता है। वहीं, विपक्षी नेताओं ने इस सवाल उठाए हैं। पूरी खबर पढ़ें… वन नेशन-वन इलेक्शन- 3 बिल ला सकती है सरकार, दो संविधान संशोधन करने होंगे देश में एक साथ चुनाव कराने की अपनी योजना को अमल में लाने के लिए 3 विधेयक लाए जाने की संभावना है, जिनमें दो संविधान संशोधन से संबंधित होंगे। प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयकों में से एक स्थानीय निकाय चुनावों को लोकसभा और विधानसभाओं के साथ कराए जाने से संबंधित है। पूरी खबर पढ़ें…