Wednesday, January 22, 2025
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सेना ने कहा- 1971 युद्ध की तस्वीर नहीं हटाई गई:उसे आर्मी चीफ लाउंज से मानेकशॉ सेंटर में शिफ्ट किया गया, ताकि ज्यादा लोग देख सकें

आर्मी चीफ के लाउंज में लगी पाकिस्तानी सेना के समर्पण की तस्वीर को लेकर सेना का बयान आया है। सेना ने अपने X हैंडल पर बताया कि 1971 युद्ध की तस्वीर हटाई नहीं गई है। इसे दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में जानबूझकर शिफ्ट किया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देख सकें। दरअसल, सेना प्रमुख के लाउंज में 1971 के पाकिस्तानी सेना के सरेंडर वाली पेंटिंग को बदलकर एक नई कलाकृति लगाई गई है। इसमें लद्दाख के पैंगोंग त्सो, महाभारत से प्रेरित विषय-वस्तु और आधुनिक युद्ध को दर्शाया गया है, जो संभवतः चीन के साथ उत्तरी सीमा पर भारत के बढ़ते रणनीतिक फोकस को दर्शाता है। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण वाली तस्वीर को हटाने का मामला संसद तक पहुंच गया था। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया था। दोनों ने सरकार पर भारत के सैन्य इतिहास और इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की विरासत को कमतर आंकने का आरोप लगाया। पहले वह तस्वीर, जिसके हटने पर विवाद हो रहा यह तस्वीर 16 दिसंबर 1971 की है। इसे ढाका के रेसकोर्स में लिया गया था। तस्वीर में पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के. नियाजी और भारत के ईस्टर्न थिएटर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा नजर आ रहे है। नियाजी के सामने मेज पर एक डॉक्यूमेंट है, जिस पर वे दस्तखत करते दिख रहे हैं। उनके पीछे भारतीय सेना के कई और अधिकारी भी खड़े हैं। यह वही ऐतिहासिक पल था, जिसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने कमर पर लगी अपनी पिस्टल जगजीत सिंह को सौंप दी थी और 93 हजार पाक सैनिकों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा सरेंडर किया। सेना ने कहा- हमारी सबसे बड़ी जीत का सबूत अब ज्यादा लोग देखेंगे सेना ने 16 दिसंबर को X पर पोस्ट में लिखा- “यह पेंटिंग भारतीय सशस्त्र बलों की सबसे बड़ी सैन्य जीतों में से एक और सभी के लिए न्याय और मानवता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। मानेकशॉ सेंटर, नई दिल्ली में इसकी प्रदर्शनी से बड़ी संख्या में दर्शकों को लाभ मिलेगा, क्योंकि इस स्थान पर भारत और विदेश से विविध दर्शक और गणमान्य व्यक्ति बड़ी संख्या में आते हैं।” पाकिस्तान के सरेंडर वाली तस्वीर की जगह अब नया आर्टवर्क यह आर्टवर्क लेफ्टिनेंट कर्नल थॉमस जैकब ने बनाया है। इसे ‘कर्म क्षेत्र’ नाम दिया गया है। पेंटिंग में प्राचीन भारत के सिद्धांतों के साथ मॉडर्न आर्मी को दिखाया गया है। इसमें महाभारत युद्ध में कृष्ण-अर्जुन, गरुड़ चाणक्य, जल-थल और वायु सेना का तालमेल, ड्रोन, सबमरीन भी शामिल हैं। डिफेंस एक्सपर्ट्स पेंटिंग्स की अदला-बदली के पीछे गहरा मैसेज छिपा होना मानते हैं। सरेंडर वाली तस्वीर के जरिए इंडियन आर्मी की मजबूती और दुश्मन को घुटने पर लाने की उसकी क्षमता को दिखाया गया था। अब ‘कर्म क्षेत्र’ पेंटिंग के जरिए भारतीय सेना चीन को मैसेज दे रही है कि भारत उस फिलॉसफी को अपना रहा है जिसमें चाणक्य की स्ट्रैटजी और गीता की सीख है। 1971 की जंग से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… आर्मी चीफ के ऑफिस से पाकिस्तान के सरेंडर वाली तस्वीर हटी, अब वहां ‘कर्म क्षेत्र’ पेंटिंग; सब कुछ जो जानना जरूरी पाकिस्तानी सेना के सरेंडर की आइकॉनिक तस्वीर इंडियन आर्मी चीफ के ऑफिस में लगाई गई। देश-दुनिया के तमाम अधिकारियों की विजिट में बैकग्राउंड में ये तस्वीर दिख जाती थी, लेकिन इस सरेंडर की 53वीं एनिवर्सरी पर खबर आ रही है कि आर्मी चीफ के ऑफिस से ये तस्वीर हटा दी गई है। अब वहां ‘कर्म क्षेत्र’ की एक पेंटिंग है। पूरी खबर पढ़ें… फूट–फूटकर रोए पाकिस्तानी जनरल नियाजी: फिर पिस्टल देकर किया सरेंडर, 1971 में आज शुरू हुई थी बांग्लादेश के लिए जंग 53 साल पहले 4 दिसंबर 1971 को भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरी जंग शुरू हुई। पाकिस्तानी सेना ने महज 13 दिनों में ही घुटने टेक दिए। 16 दिसंबर को दुनिया का सबसे बड़ा सरेंडर हुआ। इसमें पाकिस्तानी जनरल नियाजी अपने 93 हजार सैनिकों के साथ भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने सरेंडर किया। पूरी खबर पढ़ें…

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