इजरायल और ईरान में संघर्ष जारी
इजरायली सेना ने शुक्रवार को तड़के राइजिंग लॉयन नामक एक बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया, जिसमें कहा गया कि इसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के सैन्य लक्ष्यों और सुविधाओं पर हमला किया है। इजरायली वायु सेना ने तेहरान सहित पूरे ईरान में कई हमलों को अंजाम दिया, जिसमें ईरानी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के प्रमुख और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) कमांडर के साथ-साथ कई परमाणु वैज्ञानिकों सहित कई वरिष्ठ ईरानी सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई। इजरायल ने ईरान के नतांज और फोर्डो सहित कई परमाणु स्थलों पर भी हमला किया।
खामेनेई ने इजरायल को दी धमकी
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस हमले को अपराध बताया और इजरायल को “कड़वे और भयानक अंजाम” की धमकी दी। ईरान ने शुक्रवार शाम को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 शुरू करके जवाबी कार्रवाई की, जिसमें इजरायल के अंदर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। ईरान के हमलों में इजरायल को भी जानमाल का नुकसान हुआ है। इन हमलों में कई इजरायली नागरिकों के मारे जाने की खबर है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर इमारतों और गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है।
F-35 क्यों है खास
F-35 लड़ाकू विमान को अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है। यह एक सिंगल सीट, सिंगल इंजन, ऑल वेदर स्टील्थ मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है। इसका उद्देश्य एयर सुपीरियॉरिटी और स्ट्राइक मिशन दोनों को अंजाम देना है। यह इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और खुफिया, निगरानी और टोही मिशन को भी संचालित करने में सक्षम है। F-35 को बनाने में लॉकहीड मार्टिन के अलावा नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन और बीएई सिस्टम्स का भी योगदान है।
F-35 के वेरिएंट और ऑपरेटरों को जानें
F-35 के तीन प्रमुख वेरिएंट हैं: पारंपरिक टेकऑफ़ और लैंडिंग (CTOL) F-35A, शॉर्ट टेक-ऑफ़ और वर्टिकल-लैंडिंग (STOVL) F-35B, और कैरियर-आधारित (CV/CATOBAR) F-35C। इस विमान के विकास में अमेरिका के अलावा नाटो के भागीदार देशों और यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, नॉर्वे, डेनमार्क, नीदरलैंड ने सहयोग किया है। F-35 के ऑपरेटरों में ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, डेनमार्क, इजरायल, इटली, जापान, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, दक्षिण कोरिया, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका शामिल हैं।