बंद का असर
कई जिलों में दिखा। पटना के साथ साथ गोपालगंज, दरभंगा, आरा, किशनगंज, गया, सहरसा समेत कई जिलों में बंद के दौरान आगजनी, छोटी मोटी मुठभेड़, वंदे भारत समेत कई ट्रेनें रोकी गई। सड़क यातायात पर ट्रैफिक पुलिस की नहीं बल्कि प्रदर्शनकारियों का पूरी तरह कब्जा रहा। और जिस प्रदर्शन की उम्मीद सत्ता को नहीं थी उस मानक पर विपक्ष ने खूब तांडव किया। इस तांडव के दौरान जो सबसे बड़ी बात दिखी वह थी महागठबंधन नेताओं की भागीदारी। सड़कों पर नेताओं का हुजूम दिखा। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी दिखे। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष , दीपांकर भट्टाचार्य और मुकेश सहनी दिखे। अपनी एकजुटता के लिए ये सारे नेता एक वाहन पर सवार होकर मार्च के लिए निकले। और पटना की सड़कों पर हर दल के सेकंड लाइनर नेताओं के साथ युवा कार्यकर्ताओं का तो हुजूम चल रहा था। पटना आयकर गोलंबर पर यह दृश्य विपक्ष के बंद को धार दे गया।
संबोधन के स्तर पर भी दिखा तालमेल
महागठबंधन के नेताओं ने सत्ता की विश्वसनीयता को निशाना बनाया। ठीक 2015 के उस विरोध की तरह जब संविधान खत्म, आरक्षण खत्म का माहौल बना गए और एनडीए को विपक्ष में बैठना पड़ा। आज बंद के दौरान राजद नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग के द्वारा गरीब लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाने की बड़े पैमाने पर साजिश चल रही है। पहले उनके नाम हटाए जा रहे हैं, फिर उनकी पेंशन और राशन भी छीन लिया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों से उनका हक छीनना चाहती है। यह वोटर लिस्ट जांच गरीबों के खिलाफ साजिश है।चुनाव आयोग एक राजनीतिक दल का अंग बन गया है। हम बीजेपी की और के ‘गोदी आयोग’ को अनुमति नहीं देंगे। दादागिरी नहीं चलेगी। बिहार लोकतंत्र की जननी है और वे यहां लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं। बिहार के लोग ऐसा नहीं होने देंगे. यहां ‘क्रांति’ होगी।
वोटों की चोरी: राहुल
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने भी सरकार पर अविश्वसनीयता के आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में वोटों की चोरी की कोशिश हो रही है। महाराष्ट्र और हरियाणा में भी वोट की चोरी की गई है। चुनाव आयुक्त बीजेपी और आरएसएस जैसे बात कर रहे हैं। वो भूल रहे हैं कि वो किसी राजनीतिक पार्टी के नहीं हैं वो हिंदुस्तान के इलेक्शन कमिश्नर हैं और उनका काम संविधान की रक्षा करना है। राहुल गांधी ने आगे कहा कि आपको जो करना है करिए, मगर बाद में कानून आप पर लागू होगा। भूलिए मत आप कितने भी बड़े हों, कहीं भी बैठे हों, कानून आपको नहीं छोड़ेगा। आपका काम हिंदुस्तान के संविधान की रक्षा करने का है।
यह एकजुटता का प्रदर्शन रहा
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का विरोध प्रदर्शन में शामिल होना बिहार की राजनीति को नया रंग दे गया। इसके पहले राहुल गांधी किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में हुए बंद प्रदर्शन में राहुल गांधी का शामिल होना राजनीतिक गलियारों के भीतर गूंज रहे कई सवालों का जवाब जैसा लगा। इस बंद ने सत्ता के लोकतंत्र पर तो सवाल तो जरूर खड़ा कर ही दिया। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और दीपांकर की तिकड़ी बिहार बंद के प्लेटफार्म से जो संदेश देना चाहते थे उसमें सफलता तो मिल ही गई। अब इस संदेश के विरुद्ध तो एनडीए की परेशानी बढ़ती हुई दिख रही है। संभव है वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण कार्य से सरकार को एक कदम पीछे हटना पड़े।