Monday, July 21, 2025
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फांसी टली… क्या इस मौलवी की पैरवी से केरल की नर्स निमिषा प्रिया के बचने की उम्मीदें बढ़ीं?

फांसी टली... क्या इस मौलवी की पैरवी से केरल की नर्स निमिषा प्रिया के बचने की उम्मीदें बढ़ीं?

नई दिल्लीः यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जाने वाली थी, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। राजनयिक और धर्मगुरुओं की कोशिशों से यह संभव हो पाया है। केरल के एक मशहूर सुन्नी मुस्लिम विद्वान कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार की मदद से यह संभव हो पाया है। अब इस बात पर विचार किया जा रहा है कि क्या प्रिया को माफ किया जा सकता है? इस्लाम में एक ऐसा कानून है जो पीड़ित के परिवार को हत्यारे को माफ करने की अनुमति देता है।

प्रिया को फांसी से बचने की उम्मीद

अब प्रिया को फांसी से बचने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि प्रिया की फांसी केरल के मशहूर सुन्नी मुस्लिम विद्वान कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार की वजह से टली है। उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप किया था। अबूबकर मुसलियार ने कहा है कि यमन में इस बात पर चर्चा हो रही है कि क्या प्रिया को माफ किया जा सकता है।

इस्लाम में मौजूद कानून बना मददगार

कंथापुरम ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि इस्लाम में एक ऐसा कानून है जो पीड़ित के परिवार को हत्यारे को माफ करने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा, इस्लाम में एक ऐसा कानून है जो पीड़ित के परिवार को हत्यारे को माफ़ करने की अनुमति देता है। अगर पीड़ित का परिवार चाहे तो हत्यारे को माफ कर सकता है। उन्होंने कहा कि वह पीड़ित के परिवार को नहीं जानते हैं। फिर भी उन्होंने यमन के विद्वानों से संपर्क किया और उनसे परिवार से बात करने का आग्रह किया। ने इस्लाम के एक और कानून के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अगर हत्यारे को मौत की सजा सुनाई जाती है, तो पीड़ित के परिवार को माफी का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि वह पीड़ित के परिवार को नहीं जानते हैं। लेकिन उन्होंने यमन के विद्वानों से संपर्क किया और उन्हें इस मुद्दे को समझाया। उन्होंने कहा कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो मानवता को बहुत महत्व देता है।कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने कहा, “इस्लाम का एक और कानून है। अगर हत्यारे को मौत की सज़ा सुनाई जाती है, तो पीड़ित के परिवार को माफ़ी का अधिकार है। मुझे नहीं पता कि यह परिवार कौन है, लेकिन मैंने दूर से ही यमन के ज़िम्मेदार विद्वानों से संपर्क किया। मैंने उन्हें मुद्दे समझाए। इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो मानवता को बहुत महत्व देता है।”

यमन के इस्लामी विद्वानों ने हस्तक्षेप किया

ग्रैंड मुफ़्ती कंथापुरम के अनुसार, उन्होंने यमन के इस्लामी विद्वानों से हस्तक्षेप करने के लिए संपर्क किया था। उन विद्वानों ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की, उनसे चर्चा की और कहा कि वे जो कर सकते हैं, करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अब जब फांसी की तारीख टल गई है, तो इससे पीड़ित परिवार के साथ चल रही बातचीत को आगे बढ़ाने का एक रास्ता मिल गया है।कंथापुरम ने कहा, “यमन के इस्लामी विद्वानों ने हमें आधिकारिक तौर पर सूचित किया है और एक दस्तावेज़ भेजा है, जिसमें कहा गया है कि फांसी की तारीख टल गई है, जिससे चल रही चर्चाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।” उन्होंने केंद्र सरकार को भी चर्चाओं और प्रक्रिया के बारे में सूचित कर दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को भी एक पत्र भेजा है।

केरल के सीएम ने की तारीफ

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने फांसी की सजा टलने को राहत और उम्मीद से भरा बताया। उन्होंने कहा कि इस फैसले से प्रिया को मौत की सजा से राहत पाने के लिए और समय मिल गया है। विजयन ने कहा कि यह प्रगति प्रख्यात सुन्नी मुस्लिम विद्वान कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार की पहल और हस्तक्षेप से संभव हुई है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि फांसी की सजा टलने से राहत मिली है और उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि प्रिया को मौत की सजा से बचने के लिए और समय मिल गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सब कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार की वजह से हुआ है।

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