क्या सक्रिय हो पाएगा RIC
रूसी उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने गुरुवार को कहा कि उनका देश त्रिपक्षीय प्रारूप को फिर से शुरू करने के लिए नई दिल्ली और बीजिंग दोनों के साथ सक्रिय वार्ता कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस प्रारूप में रुचि रखते हैं। चीन ने भी रूस के प्रस्ताव का समर्थन किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यह तीनों देशों के हितों की पूर्ति करने के साथ दुनिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने में भी मदद करता है। भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए चीन का दौरा किया है। वहां उनकी चीनी विदेश मंत्री वांग यी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से द्विपक्षीय वार्ता हुई। ऐसे में माना जा रहा है कि तीनों देश आरआईसी पर आगे बढ़ सकते हैं। ऐसा हुआ तो डोनाल्ड ट्रंप के सामने बड़ी चुनौती होगी। इसकी वजह ये है कि रूस, चीन और भारत दुनिया की सबसे बड़ी पांच सैन्य और आर्थिक शक्तियों में शुमार हैं।
क्या है RIC
आरआईसी (रूस, भारत, चीन) की शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी। इसे येवगेनी प्रिमाकोव (पूर्व रूसी प्रधानमंत्री) की पहल पर स्थापित किया गया था। इस त्रिपक्षीय मंच का उद्देश्य प्रमुख गैर-पश्चिमी शक्तियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देते हुए बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को मजबूत करना है। हालांकि बीते कई वर्षों से यह फोरम निष्क्रिय है। बीते करीब एक दशक से इसकी कोई महत्वपूर्ण बैठक नहीं हुई है।