क्यों आई सख्त प्रतिक्रिया?
जायसवाल मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिनमें कहा गया था कि विमान का कैप्टन ही दुर्घटना के लिए जिम्मेदार है। दुर्घटना की जांच में सामने आए साक्ष्यों के बारे में अमेरिकी अधिकारियों के प्रारंभिक आकलन से परिचित लोगों के हवाले से वॉल स्ट्रीट जर्नल ने खबर दी थी कि विमान के दो पायलटों के बीच बातचीत की ‘ब्लैक बॉक्स’ रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि कैप्टन ही था जिसने विमान के दो इंजनों में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करने वाले स्विच को बंद कर दिया था।युगंधर ने बयान में कहा, ‘एएआईबी की जांच और प्रारंभिक रिपोर्ट का उद्देश्य यह जानकारी प्रदान करना है कि ‘क्या’ हुआ था। प्रारंभिक रिपोर्ट को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। इस समय, किसी भी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। एएआईबी की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। अंतिम जांच रिपोर्ट मूल कारणों और सिफारिशों के साथ सामने आएगी।’
मीडिया से क्या अपील की?
प्रारंभिक रिपोर्ट 12 जुलाई को जारी होने के बाद, यह एएआईबी की पहली आधिकारिक टिप्पणी है। यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब प्रारंभिक रिपोर्ट और दुर्घटना के कारण के बारे में कुछ हलकों में चिंताएं उठाई गई हैं। एएआईबी ने जनता और मीडिया दोनों से आग्रह किया कि वे समय से पहले ऐसी बातें फैलाने से बचें, जिनसे जांच प्रक्रिया की सुचिता को खतरा हो। ब्यूरो ने कहा कि वह आवश्यकतानुसार तकनीकी और सार्वजनिक हित वाली अद्यतन जानकारी प्रकाशित करेगा। बयान के मुताबिक, ‘जान गंवाने वाले यात्रियों के परिवार के सदस्यों, विमान के चालक दल और जमीन पर मारे गए लोगों के परिजनों को हुए नुकसान की संवेदनशीलता का सम्मान करना आवश्यक है।’
सबसे विनाशकारी हादसा
एएआईबी कहा कि यह दुर्घटना हाल के विमानन इतिहास में सबसे विनाशकारी हादसा है। बयान के मुताबिक जांच एएआईबी नियमों और अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार सख्त और सबसे पेशेवर तरीके से की जा रही है। एएआईबी ने शुरुआती जांच रिपोर्ट के बारे में उठाई गई चिंताओं की पृष्ठभूमि में कहा कि 2012 में अपनी स्थापना के बाद से 92 दुर्घटनाओं और 111 गंभीर घटनाओं की जांच में उसका रिकॉर्ड त्रुटिहीन रहा है।बयान में कहा गया, ‘अब भी, एयर इंडिया के बी787-8 विमान वीटी-एएनबी के दुर्भाग्यपूर्ण हादसे कीजांच के अलावा, कई अन्य दुर्घटनाओं और गंभीर घटनाओं की जांच चल रही है।’ महानिदेशक ने कहा कि इसलिए, एएआईबी सभी संबंधित पक्षों से अपील करता है कि वे जांच पूरी होने के बाद अंतिम जांच रिपोर्ट के प्रकाशन की प्रतीक्षा करें।
क्या बोले एक्सपर्ट?
विमानन क्षेत्र के एक सलाहकर और अनुभवी पायलट एहसान खालिद ने सुझाव दिया है कि एयर इंडिया विमान दुर्घटना के जांचकर्ताओं को उड़ान संख्या एआई171 के स्टेबलाइजर में संभावित खराबी पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिसके बारे में उनका मानना है कि संभवत: उससे विमान दुर्घटना के लिए हालात पैदा हुए।
हादसे पर अब तक के बड़े अपडेट्स
- एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए प्रस्थान करने के कुछ ही समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में विमान में सवार 241 लोग और इलाके में अन्य 19 लोग मारे गए थे।
- बीते 12 जुलाई को जारी जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, चालक दल ने अहमदाबाद में इंजीनियरों को स्टेबलाइजर में खराबी की सूचना दी थी, जिन्होंने उसे ठीक कर दिया था।
- स्टेबलाइजर विमान के पिछले हिस्से में होता है और पायलट के आदेश पर विमान के अगले हिस्से को ऊपर-नीचे करने में मदद करता है।
- इस बीच, विभिन्न पायलट समूहों ने दुर्घटना के कारण के बारे में अटकलों के प्रति आगाह किया है तथा पारदर्शी जांच की मांग की है।
- एएलपीए इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘पायलट प्रशिक्षित पेशेवर होते हैं जो समर्पण व गरिमा के साथ सैकड़ों लोगों की जिंदगी का ख्याल रखते हैं। एआई 171 के चालक दल ने अपनी आखिरी सांस तक विमान में सवार यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया। वे सम्मान के हकदार हैं और उनकी बेबुनियाद आचोलना नहीं की जानी चाहिए।’
- फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने गुरुवार को सरकार से कहा कि पिछले महीने दुर्घटना का शिकार हुए एयर इंडिया के बोइंग विमान 787-8 में किसी संभावित गलत अनुमान या यांत्रिक खामी का पुन: आकलन किया जाना चाहिए।
- फेडरेशन ने प्रारंभिक रिपोर्ट समय पर जारी होने की प्रशंसा की, वहीं यह भी कहा कि इस रिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकलता प्रतीत होता है कि पायलट की ओर से त्रुटि हुई और इसके लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया गया या उस तकनीकी खामी पर विचार नहीं किया गया जिस तरह की संभावना पहले एक ऐसी ही विमान दुर्घटना में तलाशी गई थी।
- संगठन ने पत्र में आरोप लगाया है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि बोइंग विमान में प्रणाली संबंधी चूक के लिए शुरुआत में पायलट की त्रुटि को या आत्महत्या की मंशा को जिम्मेदार ठहराया गया हो, जो बाद की जांच में गलत साबित हुईं।
- पत्र के हवाले से सूत्रों ने कहा कि एआई-171 विमान की दुर्घटना संबंधी प्रारंभिक रिपोर्ट में पूरी तरह सत्यापन के बिना अपरिपक्व तरीके से और परोक्ष रूप से पायलट की चूक को जिम्मेदार ठहराने से न केवल गलत तरह से किसी को जवाबदेह ठहराने का जोखिम पैदा होता है, बल्कि अतीत में हुईं जांच संबंधी खामियों को भी दोहराया जा रहा है।
- प्रारंभिक रिपोर्ट में, एएआईबी ने कहा कि विमान के दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गई, जिससे उड़ान भरने के तुरंत बाद कॉकपिट में अफरा-तफरी मच गई।
- रिपोर्ट में कहा गया है,‘कॉकपिट की वॉयस रिकॉर्डिंग में, एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई दे रहा है कि उसने ईंधन आपूर्ति क्यों बंद कर दी। दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।’