कांग्रेस करेगी थरूर के खिलाफ कार्रवाई?
मुरलीधरन ने कहा कि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व यह तय करेगा कि थरूर के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘जब तक थरूर अपना रुख नहीं बदलते, हम उन्हें तिरुवनंतपुरम में होने वाले किसी भी पार्टी कार्यक्रम में नहीं बुलाएंगे, वह हमारे साथ नहीं हैं, इसलिए उनके किसी कार्यक्रम का बहिष्कार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। इसका मतलब है कि मुरलीधरन थरूर के विचारों से सहमत नहीं हैं और उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल नहीं करना चाहते।
धर्म संकट में कांग्रेस
यह मामला कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है। पार्टी को यह तय करना होगा कि वह थरूर के साथ क्या करे, क्या पार्टी थरूर को माफ कर देगी या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी? यह फैसला कांग्रेस पार्टी के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। थरूर एक लोकप्रिय नेता हैं और उनका पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा। लेकिन, अगर पार्टी थरूर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो इससे पार्टी के अन्य नेताओं को गलत संदेश जाएगा। कांग्रेस पार्टी इस मामले में धर्म संकट में फंसती नजर आ रही है।
थरूर के इस बयान से कांग्रेस के अंदर आया भूचाल
कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य शशि थरूर ने शनिवार को कहा था कि राष्ट्र पहले आता है और पार्टियां देश को बेहतर बनाने का माध्यम हैं। तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि किसी भी पार्टी का उद्देश्य एक बेहतर भारत का निर्माण करना होता है। उन्होंने कहा कि वह देश की सशस्त्र सेनाओं और सरकार का समर्थन करने के अपने रुख पर अड़े रहेंगे, क्योंकि उनका मानना है कि ‘यह देश के लिए सही बात है।’ बाद में, कार्यक्रम से इतर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम हमेशा से मेरा दर्शन रहा है।’